(Hindi) Smrti Ka Pujari

(Hindi) Smrti Ka Pujari

“महाशय होरीलाल की पत्नी जब से मर गई हैं वह एक तरह से दुनिया से दूर हो गये हैं। यों रोज अदालत जाते हैं अब भी उनकी वकालत बुरी नहीं है। दोस्तों से राह-रस्म भी रखते हैं, मेलों-तमाशों में भी जाते हैं; पर इसलिए कि वे भी इंसान हैं और इंसान एक सामाजिक जीव है। जब उनकी पत्नी जिन्दा थी, तब कुछ और ही बात थी। किसी-न-किसी बहाने से आये-दिन दोस्तों की दावतें होती रहती थीं। कभी गार्डन-पार्टी है, कभी संगीत है, कभी जन्माष्टमी, कभी होली। दोस्तों का सत्कार करने में जैसे उन्हें मजा आता था।

लखनऊ से सुफेदे आये हैं। अब, जब तक दोस्तों को खिला न लें, उन्हें चैन नहीं। कोई अच्छी चीज खरीदकर उन्हें यही धुन हो जाती थी कि उसे किसी को तोहफे में दे दें। जैसे और लोग अपने स्वार्थ के लिए तरह-तरह के चालें चलते हैं, वह सेवा के लिए चाल चलते थे। आपसे मामूली जान-पहचान है, लेकिन उनके घर चले जाइए तो चाय और फलों से आपका सत्कार किये बिना न रहेंगे। दोस्तों के फायदे के लिए जान देने को तैयार और बड़े ही खुशमिजाज। उनकी बातें ग्रामोफोन में भरने लायक होते थे। 

कोई बच्चे न थे, लेकिन किसी ने उन्हें दुखी या निराश नहीं देखा। मुहल्ले के सारे बच्चे उनके बच्चे थे। और पत्नी भी उसी रंग में रंगी हुई। आप कितने ही परेशान हों, उस देवी से मुलाकात होते ही आप फूल की तरह खिल जायँगे। न जाने इतनी कहावतें कहाँ से याद कर ली थीं। बात-बात पर कहावतें कहती थी। और जब किसी को बनाने पर आ जाती, तो रुलाकर छोड़ती थीं। घर सम्भालने में तो उसका जोड़ न था, दोनों एक-दूसरे के आशिक थे, और उनका प्यार पौधों के कलम की तरह दिनों के साथ और भी गहरा होता जाता था। समय की गति उस पर जैसे आशीर्वाद का काम कर रही थी।

अदालत से छुट्टी पाते ही वह प्यार का राही दीवानों की तरह घर भागता था। आप कितनी  ही विनती करें पर उस समय रास्ते में एक मिनट के लिए भी न रुकता था और अगर कभी महाशयजी के आने में देर हो जाती थी तो वह प्यार- की पूजारन छत पर खड़ी होकर उनकी राह देखा करती थी। और पच्चीस साल के साथ ने उनकी आत्माओं में इतनी समानता पैदा कर दी थी कि जो बात एक के दिल में आती थी, वही दूसरे के दिल में बोल उठती थी। 

यह बात नहीं कि उनमें मतभेद न होता हो। बहुत-सी चीजों में उनके ख्याल में आकाश-पाताल का अन्तर था और अपनी बात के समर्थन और दूसरे की बात को काटने में उनमें खूब झाँव-झाँव होती थी। कोई बाहर का आदमी सुने तो समझे कि दोनों लड़ रहे हैं और अब हाथापाई की नौबत आने वाली है; मगर उनकी बहस दिमागी होती थी। दिल दोनों के एक, दोनों अच्छे दिल के, दोनों खुशमिजाज, साफ कहने वाले, निस्वार्थ। मानो देवलोक के रहने वाले हों; इसलिए पत्नी मर गई, तो कई महीने तक हम लोगों को यह लगता रहा कि यह महाशय आत्महत्या न कर बैठें। हम लोग हमेशा उनका मन बहलाते रहते, कभी अकेले में न बैठने देते। रात को भी कोई-न-कोई उनके साथ लेटता था। ऐसे आदमीयों पर दूसरों को दया आती ही है। 

दोस्तों की पत्नियाँ तो इन पर जान देती थीं। इनकी नजरों में वह देवताओं के भी देवता थे। उनकी मिसाल दे-देकर अपने पतियों से कहतीं- “”इसे कहते हैं प्यार! ऐसा पति हो, तो क्यों न पत्नी उसकी गुलामी करे। जब से बीवी मरी है गरीब ने कभी भरपेट खाया नहीं किया, कभी नींद-भर नहीं सोया। नहीं तो तुम लोग दिल में मनाते रहते हो कि यह मर जाय, तो नई शादी करें। दिल में खुश होगे कि अच्छा हुआ मर गयी, रोग टला, अब नयी-नवेली पत्नी लायेंगे।

और अब महाशयजी का पैंतालीसवाँ साल था, सुगठित शरीर था, स्वास्थ्य अच्छा, सुंदर, खुशमिजाज, सम्पन्न। चाहते तो तुरन्त दूसरी शादी कर लेते। उनके हाँ करने की देर थी। अच्छा पति चाहने वाले बेटी वालों ने सन्देश भेजे, दोस्तों ने भी उजड़ा घर बसाना चाहा; पर इस स्मृति के पुजारी ने प्यार के नाम को दाग न लगाया।”” 

अब हफ्तों बाल नहीं बनते; कपड़े नहीं बदले जाते। घास काटने वालों सी सूरत बनी हुई है, कुछ परवाह नहीं। कहाँ तो सुबह होने से पहले उठते थे और चार मील का चक्कर लगा आते थे, कभी आलस करते थे तो देवीजी घुड़कियाँ जमातीं और उन्हें बाहर ढकेल कर दरवाजा बन्द कर लेतीं। कहाँ अब आठ बजे तक चारपाई पर पड़े करवटें बदल रहे हैं। उठने का जी नहीं चाहता। नौकर ने हुक्का लाकर रख दिया, दो-चार कश लगा लिये। न लाये, तो गम नहीं। चाय आयी पी ली, न आये तो परवाह नहीं। दोस्तों ने बहुत गला दबाया, तो सिनेमा देखने चले गये; लेकिन क्या देखा और क्या सुना, इसकी खबर नहीं।

कहाँ तो अच्छे-अच्छे सूटों का शौक था, कोई खुशनुमा डिजाइन का कपड़ा आ जाय, आप एक सूट जरूर बनवायेंगे। वह क्या बनवायेंगे, उनके लिए देवीजी बनवायेंगी। कहाँ अब पुराने-धुराने बदरंग, सिकुड़े-सिकुड़ाये, ढीले-ढाले कपड़े लटकाये चले जा रहे हैं, जो अब दुबलेपन के कारण उतारे-से लगते हैं और जिन्हें अब किसी तरह सूट नहीं कहा जा सकता। 

Puri Kahaani Sune..

(Hindi) Light on life’s difficulties

(Hindi) Light on life’s difficulties

“Light on life's difficulties

आपको यह summary क्यों पढ़नी चाहिए?
बेहतर बनने की कोशिश करें और अपने ideas और काम की responsibility लें। कभी भी बढ़ना बंद न करें। जब self-development की बात आती है तो ये typical tips आपको ऑनलाइन मिल सकती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बेहतर कैसे बनें? आप सच में एक इंसान के रूप में कैसे develop हो सकते हैं? यह समरी आपको regularly मिलने वाली unclear life advice को समझने में मदद करेगी।

यह समरी किसे पढ़नी चाहिए?
•जो लोग खुद को improve करना चाहते हैं
•Guidance counselor/life mentor
•जो लोग self-development करना चाहते हैं 

 ऑथर  के बारे में
James Allen एक ब्रिटिश writer थे जो self-help और inspirational किताबें  लिखने में माहिर  थे। उनकी best selling novel ‘As a Man Thinketh,’ 1903 में publish हुई थी। इतनी पुरानी होने के बावजूद भी इस किताब को अभी भी कई religious books और audiobooks की inspiration माना जाता है।
 

Unlimited Power (Marathi)

Unlimited Power (Marathi)

परिचय आपले लेखक टोनी रॉबिन्स चार दिवसांचे सेमिनार कंडक्ट (Conduct) करतात. ज्याचे नाव आहे 'माईंड रिव्हॉल्यूशन.' या सेमिनार मध्ये ते बऱ्याच ऍक्टिव्हिटी घेतात. त्यापैकी एक ऍक्टिव्हिटी आहे, फायर वॉक म्हणजेच आगीवरून चालणे. विचारही करवत नाही ना? पण या ऍक्टिव्हिटी चा उद्देश हा आहे की आपल्या भीती वर वर्चस्व मिळवून तिला आपली ताकद बनवणे. या सेमिनार मध्ये भाग घेणारे लोक तब्बल 10 फुटांच्या ज्वाला सहन करत रखरखत्या कोळशा वरून अनवाणी पायाने चालतात. आपले लेखक म्हणतात, “भीती ही आपल्या मनात असते.” त्यामुळे…

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Sapiens: A Brief History of Humankind (Marathi)

Sapiens: A Brief History of Humankind (Marathi)

“अध्याय 7- ज्ञान विज्ञान योग 
विज्ञान सहित ज्ञान का विषय,इश्वर की व्यापकता

श्लोक 1 – 
श्री भगवान् बोले, “हे पार्थ! मुझ में मन लगाकर और मेरी शरण में आकर योग में लगा हुआ निस्संदेह तू पूरी तरह जिस प्रकार मुझको जानेगा, उसको सुन. मैं तुझे यह संपूर्ण ज्ञान, विज्ञान सहित कहूँगा जिसे जानकर यहाँ और कुछ भी जानने योग्य शेष नहीं रह जाएगा. हज़ारों मनुष्यों में से कोई एक ही योग सिद्धि प्राप्ति के लिए कोशिश करता है और उस सिद्धि प्राप्त सफल मनुष्यों में से कोई एक विरला ही मुझे तत्व से जान पाता है.”      
 
अर्थ : इस श्लोक में भगवान् अर्जुन से कह रहे हैं कि वो अपना मन पूरी तरह उनमें लगाकर गौर से उनकी बातें सुनें, उनमें यानी उस परम तत्व पर लगाएँ जिन्होंने श्रीकृष्ण के रूप में अवतार लिया है. इसके साथ ही वो कहते हैं कि अर्जुन उन्हें पूरी श्रद्धा और समर्पण के भाव से सुनें क्योंकि मनुष्य का जिनमें श्रद्धा या विश्वास होता है वो उनकी बातों को बड़े ध्यान से सुनता है और अपने जीवन में उन्हें उतारता भी है. 

भगवान् यहाँ अर्जुन को हर स्तर पर एकाग्र होने के लिए कह रहे हैं, जैसे- ‘मुझे सुन’ यानी अपनी इंद्रियों को भटकने के बजाय परम तत्व में लगाना, ‘योग की अवस्था में लगा हुआ’ ताकि जो परम ज्ञान वो देने वाले हैं वो अर्जुन के मन में पूरी तरह उतर जाए और ‘बिना संचय के मेरी बात सुन’ यानी पूरे विश्वास के साथ उनकी बातों को सुनें ताकि उनके मन में कोई संशय या सवाल बाकी ना रह जाए. ये बुद्धि (इंटेलिजेंस) की अवस्था है. उन्होंने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि जब इंसान किसी बात का लॉजिक समझ जाता है, उसके पीछे होने के कारण को जान जाता है तो उसकी बुद्धि उस बात को स्वीकार कर लेती है. 

अगर मन में कोई डाउट या सवाल रह जाए तो मन परेशान हो जाता है और उस बात को स्वीकार नहीं कर पाता, इसलिए भगवान् अर्जुन को अपनी इंद्रियां, मन और बुद्धि उनमें लगाने के लिए कहते हैं. भगवान् यह भी कहते हैं कि आत्मा के साथ-साथ प्रकृति कैसे बनी, उसका क्या आधार है, वो सभी बातें बताएँगे जिसे जानने के बाद कुछ और जानने की ज़रुरत नहीं रह जाएगी. 

अध्यात्म में ज्ञान का मतलब होता है ‘जानना’ और विज्ञान का मतलब होता है किसी चीज़ को परखकर फ़िर उसे मानना. ख़ुद के असली स्वरुप को खोजने की प्रक्रिया यानी मैं शरीर नहीं आत्मा हूँ, ज्ञान कहलाती है और प्रकृति के बारे में खोज विज्ञान कहलाती है. पृथ्वी पर मौजूद सभी जीवों में सिर्फ़ मनुष्यों को ये सौभाग्य मिला है कि वो सवाल जवाब कर किसी भी चीज़ को गहराई से समझ सकते हैं, इस सृष्टि के रचयिता के बारे में जान सकते हैं, उनसे उसका क्या संबंध है वो अनुभव कर सकते हैं. लेकिन होता ये है कि जब आत्मा शरीर को धारण करती है तो वो संसार के माया में फँस जाती है और अपने असली स्वरुप को भूल जाती है. उसे संसार की चीज़ों और लोगों से लगाव होने लगता है. 

इन्हीं में उलझकर वो परमात्मा से दूर होती चली जाती है. बहुत कम मनुष्य होते हैं जो इस परम सच की खोज में दिलचस्पी रखते हैं. इनमें से कुछ ही ज्ञान प्राप्त करने के साधन को जान पाते हैं और उसके लिए कोशिश करते हैं. ज़्यादातर मनुष्य तो मौज-मस्ती में, अपनी इच्छाएँ पूरी करने में ही लगे रहते हैं. कुछ अपने स्वार्थ के लिए और कुछ अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए भगवान् को याद करते हैं. जो योग साधना की कोशिश करते हैं उनमें से भी बहुत कम भाग्यशाली परम ज्ञान को प्राप्त  कर पाते हैं क्योंकि ये ज्ञान बहुत ही गहरा है, इसे लगातार करने की ज़रुरत होती है  और अक्सर इस यात्रा के बीच में ही मनुष्य का चंचल मन दोबारा संसार के मोह-माया की ओर खिंचने लगता है जिससे उसका सफ़र अधूरा रह जाता है. इसलिए कहा गया है कि पृथ्वी पर ऐसा मुमकिन हो पाना बहुत दुर्लभ है. 

श्रीकृष्ण आगे कहते हैं कि भक्ति भी कई तरह की होती है जिन्हें अलग-अलग मकसद के लिए किया जाता है जैसे -जो मनुष्य परेशान हैं वो भगवान् को याद करते हैं, जो दिव्य ज्ञान पाना चाहते हैं वो भी उन्हें याद करते हैं, कई ऐसे भी हैं जो सिर्फ़ अपनी इच्छाएँ पूरी करने के लिए भगवान् को याद करते हैं और कुछ योगी हैं जो भगवान् से केवल शुद्ध प्रेम करते हैं इसलिए उन्हें याद करते हैं. भगवान् कहते हैं कि जो उन्हें शुद्ध प्रेम की भावना से याद करता है वो सभी भक्तों में श्रेष्ठ होता है क्योंकि वो परमात्मा से कुछ पाने के लिए नहीं बल्कि परमात्मा को पाने के लिए उन्हें याद करता है. 
 

(Hindi) SHREE BHAGAVAD GEETA CHAPTER 7

(Hindi) SHREE BHAGAVAD GEETA CHAPTER 7

“अध्याय 7- ज्ञान विज्ञान योग 
विज्ञान सहित ज्ञान का विषय,इश्वर की व्यापकता

श्लोक 1 – 
श्री भगवान् बोले, “हे पार्थ! मुझ में मन लगाकर और मेरी शरण में आकर योग में लगा हुआ निस्संदेह तू पूरी तरह जिस प्रकार मुझको जानेगा, उसको सुन. मैं तुझे यह संपूर्ण ज्ञान, विज्ञान सहित कहूँगा जिसे जानकर यहाँ और कुछ भी जानने योग्य शेष नहीं रह जाएगा. हज़ारों मनुष्यों में से कोई एक ही योग सिद्धि प्राप्ति के लिए कोशिश करता है और उस सिद्धि प्राप्त सफल मनुष्यों में से कोई एक विरला ही मुझे तत्व से जान पाता है.”      
 
अर्थ : इस श्लोक में भगवान् अर्जुन से कह रहे हैं कि वो अपना मन पूरी तरह उनमें लगाकर गौर से उनकी बातें सुनें, उनमें यानी उस परम तत्व पर लगाएँ जिन्होंने श्रीकृष्ण के रूप में अवतार लिया है. इसके साथ ही वो कहते हैं कि अर्जुन उन्हें पूरी श्रद्धा और समर्पण के भाव से सुनें क्योंकि मनुष्य का जिनमें श्रद्धा या विश्वास होता है वो उनकी बातों को बड़े ध्यान से सुनता है और अपने जीवन में उन्हें उतारता भी है. 

भगवान् यहाँ अर्जुन को हर स्तर पर एकाग्र होने के लिए कह रहे हैं, जैसे- ‘मुझे सुन’ यानी अपनी इंद्रियों को भटकने के बजाय परम तत्व में लगाना, ‘योग की अवस्था में लगा हुआ’ ताकि जो परम ज्ञान वो देने वाले हैं वो अर्जुन के मन में पूरी तरह उतर जाए और ‘बिना संचय के मेरी बात सुन’ यानी पूरे विश्वास के साथ उनकी बातों को सुनें ताकि उनके मन में कोई संशय या सवाल बाकी ना रह जाए. ये बुद्धि (इंटेलिजेंस) की अवस्था है. उन्होंने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि जब इंसान किसी बात का लॉजिक समझ जाता है, उसके पीछे होने के कारण को जान जाता है तो उसकी बुद्धि उस बात को स्वीकार कर लेती है. 

अगर मन में कोई डाउट या सवाल रह जाए तो मन परेशान हो जाता है और उस बात को स्वीकार नहीं कर पाता, इसलिए भगवान् अर्जुन को अपनी इंद्रियां, मन और बुद्धि उनमें लगाने के लिए कहते हैं. भगवान् यह भी कहते हैं कि आत्मा के साथ-साथ प्रकृति कैसे बनी, उसका क्या आधार है, वो सभी बातें बताएँगे जिसे जानने के बाद कुछ और जानने की ज़रुरत नहीं रह जाएगी. 

अध्यात्म में ज्ञान का मतलब होता है ‘जानना’ और विज्ञान का मतलब होता है किसी चीज़ को परखकर फ़िर उसे मानना. ख़ुद के असली स्वरुप को खोजने की प्रक्रिया यानी मैं शरीर नहीं आत्मा हूँ, ज्ञान कहलाती है और प्रकृति के बारे में खोज विज्ञान कहलाती है. पृथ्वी पर मौजूद सभी जीवों में सिर्फ़ मनुष्यों को ये सौभाग्य मिला है कि वो सवाल जवाब कर किसी भी चीज़ को गहराई से समझ सकते हैं, इस सृष्टि के रचयिता के बारे में जान सकते हैं, उनसे उसका क्या संबंध है वो अनुभव कर सकते हैं. लेकिन होता ये है कि जब आत्मा शरीर को धारण करती है तो वो संसार के माया में फँस जाती है और अपने असली स्वरुप को भूल जाती है. उसे संसार की चीज़ों और लोगों से लगाव होने लगता है. 

इन्हीं में उलझकर वो परमात्मा से दूर होती चली जाती है. बहुत कम मनुष्य होते हैं जो इस परम सच की खोज में दिलचस्पी रखते हैं. इनमें से कुछ ही ज्ञान प्राप्त करने के साधन को जान पाते हैं और उसके लिए कोशिश करते हैं. ज़्यादातर मनुष्य तो मौज-मस्ती में, अपनी इच्छाएँ पूरी करने में ही लगे रहते हैं. कुछ अपने स्वार्थ के लिए और कुछ अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए भगवान् को याद करते हैं. जो योग साधना की कोशिश करते हैं उनमें से भी बहुत कम भाग्यशाली परम ज्ञान को प्राप्त  कर पाते हैं क्योंकि ये ज्ञान बहुत ही गहरा है, इसे लगातार करने की ज़रुरत होती है  और अक्सर इस यात्रा के बीच में ही मनुष्य का चंचल मन दोबारा संसार के मोह-माया की ओर खिंचने लगता है जिससे उसका सफ़र अधूरा रह जाता है. इसलिए कहा गया है कि पृथ्वी पर ऐसा मुमकिन हो पाना बहुत दुर्लभ है. 

श्रीकृष्ण आगे कहते हैं कि भक्ति भी कई तरह की होती है जिन्हें अलग-अलग मकसद के लिए किया जाता है जैसे -जो मनुष्य परेशान हैं वो भगवान् को याद करते हैं, जो दिव्य ज्ञान पाना चाहते हैं वो भी उन्हें याद करते हैं, कई ऐसे भी हैं जो सिर्फ़ अपनी इच्छाएँ पूरी करने के लिए भगवान् को याद करते हैं और कुछ योगी हैं जो भगवान् से केवल शुद्ध प्रेम करते हैं इसलिए उन्हें याद करते हैं. भगवान् कहते हैं कि जो उन्हें शुद्ध प्रेम की भावना से याद करता है वो सभी भक्तों में श्रेष्ठ होता है क्योंकि वो परमात्मा से कुछ पाने के लिए नहीं बल्कि परमात्मा को पाने के लिए उन्हें याद करता है. 
 

(Hindi) FULL CATASTROPHE LIVING -Using the Wisdom of Your Body and Mind to Face Stress, Pain, and Illness

(Hindi) FULL CATASTROPHE LIVING -Using the Wisdom of Your Body and Mind to Face Stress, Pain, and Illness

“क्या आप हमेशा स्ट्रेस में रहते है और अपनी लाइफ से अनसेटिसफाईड है ? क्या आप ये सोच-सोच कर थक चुके है कि आपकी लाइफ यूं ही वेस्ट जा रही है और आप कुछ भी  नहीं  कर पा रहे? अगर आप भी कुछ इसी तरह की सिचुएशन से गुजर रहे है तो ये बुक एक बार पढकर देखिए, ये आपको जिंदगी की उलझनों के बीच पीस ऑफ़ माइंड अचीव करने में काफी हेल्प करेगी. इस बुक को पढ़कर आप सीखोगे कि आज की स्ट्रेसफ़ुल  लाइफ में मेडीटेशन एक बहुत बड़ी दवा है जो हमारे मन को सुकून और जिदंगी को शान्ति से भर सकती है. 

ये समरी किस-किसको पढनी चाहिए?
●     ज़िन   लोगों  की लाइफ में बहुत स्ट्रेस है 
●    जो लोग अपनी डेली रूटीन में मेडिटेशन की  प्रैक्टिस  करना चाहते हैं  
●    जो लोग सुकून और शान्ति से एक सिंपल लाइफ जीना चाहते हैं 
●    जो लोग अपनी जिंदगी का असली मकसद ढूंढ रहे हैं 

ऑथर के बारे में 
 जॉन कैबेट ज़िन  एक प्रोफेसर, स्ट्रेस रिडक्शन क्लिनिक और माइंड फ़ुलनेस इन मेडिसिन सेंटर के फाउंडर हैं. वो योगा की  प्रैक्टिस  करते है और बुद्धिस्ट टीचिंग भी करते हैं जिसकी वजह से वो होलिस्टिक टीचिंग को साइंटिफिक फाइंडिंग्स से जोड़कर देखते हैं.  जॉन  आर्ट ऑफ़ माइंड फ़ुलनेस सिखाते हैं  और उनका कहना है कि इस आर्ट से  लोगों  को अपने स्ट्रेस, बेचैनी, दुःख और बीमारी से राहत पाने में काफी हद तक मदद मिलती है. 
 

(Hindi) ONE-ON-ONE WITH ANDY GROVE

(Hindi) ONE-ON-ONE WITH ANDY GROVE

“क्या आपको कभी एक मैनेजर होने के नाते काम पर स्ट्रगल करना पड़ा है? या आप उन  लोगों  में से है जो बिना एक्सपीरिएंस मैनेजर बन जाते है पर उन्हें असल में पता  नहीं  होता कि एक मैनेजर की जिम्मेदारियां क्या होती है? अगर ऐसी बात है तो ये समरी आपके हर मैनेजमेंट  प्रॉब्लम का आंसर है. ये आपको कुछ ऐसे प्रेक्टिकल टिप्स देगी जिन्हें  फॉलो  करके आप अपनी वर्क रिलेटेड प्रोब्लम्स सोल्व कर पाएंगे जैसे कि नए एम्प्लोईज़ को ट्रेनिंग देना, अपनी टीम को इंस्पायर करना, अपने सबओर्डीनेट्स के साथ ऑनेस्ट रहना और एम्प्लोईज़ के बीच के डिफरेंसेस होने पर सिचुएशन को हैंडल करना वगैरह. 

ये समरी किस-किसको पढ़नी चाहिए 

●    एंटप्रेन्योर 
●    मैनेजर 
●    एम्प्लोई 
 

ऑथर के बारे में 
एंड्रू एस. ग्रोव एक हंगेरियन-अमेरिकन बिजनेसमेन हैं. वो दुनिया की सबसे बड़ी सेमीकंडक्टर कंपनी इंटेल corporation के सीईओ और प्रोफेशन से एक इंजीनियर हैं. 1997 में टाइम मैगज़ीन में उन्हें “मैन ऑफ़ द ईयर” अनाउंस किया गया था और 2004 में व्हॉटर्न बिजनेस स्कूल के द्वारा उन्हें “मोस्ट इन्फ्लुयेंशल बिजनेस पर्सन ऑफ़ द लास्ट 25 ईयर्स” भी चुना गया था. 

(Hindi) The Upside of Irrationality

(Hindi) The Upside of Irrationality


क्या आपने कभी इमेजिन किया हैं कि आप एक रिसर्चर हैं जो लैब में चूहों पर एक्सपेरिमेंट्स करता हैं? क्या आपको कभी किसी स्टडी में वॉलिन्टियर पार्टिसिपेंट बनने का ख्याल आया हैं? तब तो आपको ये समरी बहुत ही इंटरेस्टिंग लगेगी. ये  समरी व्यवहार अर्थशास्त्र यानि बिहैवियरियल इकोनॉमिक्स के बारे में हैं. हम इंसान जो इर्रेशनल तरीके से अपना डिसीज़न लेते हैं और बिहैव करते हैं, ये उस बारे में हैं. हम जैसे काम करते हैं, मोटिवेशन लेते हैं, सैलरी लेते हैं, बदला लेते हैं और मेहनत को वैल्यू करते हैं, इन सबका तरीका बहुत ही प्रेडिक्टेबल हैं. इस समरी से आपकी सोच बदल जाएगी. 

ये  समरी किसे पढ़नी चाहिए?
•यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट 
•एम्पलॉई 
• मैनेजर 
• एंट्रेप्रेन्योर 
• ह्यूमन रिसोर्स स्टाफ 

ऑथर के बारे में
डैन  एरिएली एक ऑथर, रिसर्चर और प्रोफेसर हैं. उन्होंने कॉग्निटिव साइकोलॉजी और बिज़नस एडमिनिस्ट्रेशन में पी.एच.डी की है. डैन बिहेवियरियल इकोनॉमिक्स के एक्सपर्ट हैं. वो आजकल ड्यूक यूनिवर्सिटी में पढ़ाते हैं. उनके कीमती रिसर्च अलग-अलग जर्नल, न्यूज़-पेपर और मैगजीन में छप चुके हैं.
 

(Hindi) Sell with a Story: How to Capture Attention, Build Trust, and Close the Sale

(Hindi) Sell with a Story: How to Capture Attention, Build Trust, and Close the Sale

“क्या आप एक sales agent हैं जो अपना  प्रोडक्ट  बेचने के लिए struggle कर रहे हैं? क्या आप अपने टारगेट से बहुत पीछे हैं ? हो सकता है की आप insurance , real estate , जूते, कपड़े यहां तक की बर्तन भी बेच रहें हों, वह चाहे जो कुछ भी हो, लेकिन अगर आप इस समरी  में दी गई बातों को follow करते हैं तो आप succesful होंगे और बहुत सारे पैसे कमा सकेंगे। ज्यादा बेचने का secret है कहानियां सुनाना। अगर आप अपने customers को कहानियां सुनाते हैं, तो वे आप पर भरोसा करेंगे और आपसे खरीदारी करेंगे। वे आपके loyal customers बन जाएंगे। आपको विश्वास नहीं होता? खैर, पढ़ें और सीखें कि यह कैसे करें।
 
यह  समरी किसे पढ़नी चाहिए?
• Sales agents को
•  प्रोडक्ट  बेचने वालों को
•  बिजनेसमैन को
•  sales representatives को
•  insurance agents को
•  real estate agents को
 
 ऑथर  के बारे में
 पॉल  स्मिथ एक keynote speaker, best selling writer, trainer और adviser हैं। उन्होंने procter and gamble में 20 साल तक काम किया है। Paul,  P&G, जिसके paper business की वैल्यू 6 billion dollar थी, के consumer और communication research director बनें।  पॉल ने कहानी सुनाने की importance के बारे में Google, HP, Ford, Walmart, आदि के  मैनेजर  को भी train किया है।
 

(Hindi) Invisible Selling Machine

(Hindi) Invisible Selling Machine


क्या आप एक सुपर ह्यूमन बनना चाहते हो ? क्या आप कोई ऐसी स्किल सीखने की सोच रहे हो जो आपको ईजिली अमीर बना सके ? क्या आप पैसे कमाने का वो सीक्रेट जानना चाहोगे जो बहुत कम  लोगों  को पता है ? अगर उपर पूछे गए इन सवालों के जवाब हाँ है तो  रायन   डाइस  आपकी मदद के लिए हाज़िर है. 
इस समरी में  रायन  आपको एक सीक्रेट स्किल बतायेंगे जो आपको अमीर और सक्सेसफुल बना सकती है. इस सीक्रेट स्ट्रेटेज़ी के बारे में हर कोई नहीं जानता इसलिए आप दुनिया के उन गिने-चुने  लोगों  में शामिल है जो ये समरी पढ़कर उस सीक्रेट तक पहुँच सकते है.  
इस सीक्रेट स्किल का नाम है द  इन्विज़िबल  सेलिंग मशीन. ये ईजी है, तेज़ी से काम करती है और बड़ी मजेदार भी है. तो क्या आप तैयार है इस बारे में और जानकारी हासिल करने के लिए ? 

ये समरी किस-किसको पढ़नी चाहिए ? 
●    Blog करने वालों को 
●    ऑनलाइन एंटप्रेन्योर को 
●    स्टार्ट-अप फाउंडर्स को 
●    सोशल मिडिया इन्फ़्लुएंशर को 
●    Youtubers को 

ऑथर के बारे में 
 रायन   डाइस  एक फाउंडर, ऑथर और पब्लिक स्पीकर हैं. वो DigitalMarketer, NativeCommerce.com, Traffic & Conversion Summit, Absolute Rights और इनके अलावा कई और स्टार्ट-अप्स के फाउंडर और सीईओ हैं. उनकी सबसे बड़ी अचीवमेंट है DigitalMarketer, एक ऐसा प्लेटफॉर्म जहाँ कोई भी डिजिटल मार्केटिंग और सक्सेस से रिलेटेड किसी भी तरह की  information  ले सकता है. 

 

(Hindi) Buyology: Truth and Lies About Why We Buy

(Hindi) Buyology: Truth and Lies About Why We Buy

“BUYOLOGY

आपको ये समरी क्यों पढ़नी चाहिए?
इस समरी में आप कई सारे  ब्रैंड  की कहानी सुनेंगे, उनके सक्सेस और फेलियर के बारे में जानेंगे. आप product placing, mirror neurons, rituals और sensory branding के बारे में भी जानेंगे. एक असरदार एडवर्टाइज़िंग और एक बेकार एडवर्टाइज़िंग के बीच का अंतर और उनके असर के बारे में सीखेंगे. क्या आप जानना चाहते हैं कि आपके  ब्रैंड को यादगार कैसे बनाया जाए? आप कैसे फैंस बढ़ा सकते हैं? आप कैसे एक ऐसा प्रोडक्ट बना सकते हैं जिसे लोग नज़रअंदाज़ ही न कर पाए? इन सब सवालों का जवाब यहाँ इस समरी में है.

ये समरी किसे पढ़नी चाहिए?
• कंस्यूमर्स 
• शॉपिंग करने वाले 
• मार्केटर्स 
• मार्केटिंग स्टूडेंट्स 
• एंट्रेप्रेन्योर्स 

ऑथर के बारे में

मार्टिन लिंडस्ट्रॉम, न्यू यॉर्क टाइम्स के लिस्ट में शामिल की गई सात बेस्ट सेलिंग किताबों के ऑथर हैं. वो दुनिया के जाने-माने  ब्रैंडिंग  एक्सपर्ट में से एक हैं. उनके क्लाइंट में बर्गर किंग, पेप्सी, नेस्ले, गूगल और कई कम्पनियाँ शामिल हैं. टाइम मैगज़ीन ने मार्टिन को “World’s Most Influential People” यानि “”दुनिया के सबसे प्रभावशाली लोगों”” में से एक का नाम दिया था. उन्होंने बारह साल की उम्र में अपनी पहली एड एजेंसी शुरू की थी.

(Hindi) GRINDING IT OUT-The Making Of Mcdonald’s

(Hindi) GRINDING IT OUT-The Making Of Mcdonald’s

“आपको ये समरी क्यों पढ़नी चाहिए?
क्या आप अपने फेवरेट फास्ट- फ़ूड  रेस्टॉरंट की कामयाबी की कहानी जानना चाहते हैं? क्या आप यकीन करेंगे कि McDonald’s का हर एक इंग्रेडिएंट के लिए एक स्ट्रिक्ट प्रोटोकॉल है? वे अपने टेस्टी फ्राइस में टेस्ट लाने के लिए अपने फ्राइस को पंखे की हवा लगाते हैं. इस समरी में आप जानेंगे कि क्यों McDonald’s हर किसी की पसंदीदा फास्ट- फ़ूड  चेन है. आप जानेंगे कि कुछ बहुत बड़ा बनाने के लिए कितने पैशन और कमिटमेंट की ज़रूरत पड़ती हैं. 

ये समरी किसे पढ़नी चाहिए?
•    छोटे और मीडियम साइज़ के बिज़नस ओनर्स 
•    बिज़नस स्टूडेंट्स 
•    जो लोग अपने बिज़नस को बढ़ाना  चाहते हैं

ऑथर के बारे में
रे क्रॉक एक अमेरिकन बिज़नसमैन थे. उन्होंने 1961 में McDonald’s को खरीदा था और 6 साल तक इसके CEO के तौर पर काम करते रहे. आज हम जिस McDonald’s को देखते हैं, जो एक ग्लोबल फ़ूड एम्पायर बन चुका है, उसके पीछे रे का हाथ है.

(Hindi) Drunk Tank Pink: And Other Unexpected Forces That Shape How We Think, Feel, and Behave

(Hindi) Drunk Tank Pink: And Other Unexpected Forces That Shape How We Think, Feel, and Behave

“आपको यह  समरी  क्यों पढ़नी चाहिए?

नाम, लेबल, symbol, रंग, जगह – ये चीजें छोटी लगती हैं लेकिन ये वो छिपी हुई ताकतें हैं जो हमारी life पर असर डालती हैं। क्या आप मानेंगे कि कोई एक कलर आपको शांत कर सकता है या therapeutic effect दे सकता है? इस book में आप researchers की studies के बारे में जानेंगे और ये आपको बहुत interesting लगेगी। United States की जेल में bright pink कलर किया गया है। यहां आप जानेंगे कि इसके पीछे क्या कारण है।
 
यह  समरी  किसे पढ़नी चाहिए?
•Psychology में शौक रखने वालो को
•Behaviour economics में दिलचस्पी रखने वालों को
 
 ऑथर के बारे में
Adam Alter एक bestselling writer, professor और columnist हैं। वह NYU में मार्केटिंग के प्रोफेसर हैं। वह 'Irrestible' के writer भी हैं, और उनकी एक नई book भी आने वाली है जिसका title है 'Escape Velocity'। Adam ने Washington, New York जैसे famous publication के लिए article भी लिखे हैं।
 

(Hindi) AUTOBIOGRAPHY OF ALFRED NOBEL

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” क्या आप 350 से ज्यादा  पेटेंट  वाले महान शख्स  के बारे में पढ़ना चाहते हैं?  क्या आप डायनामाइट के पीछे के कौन हैं वो जानना चाहते हैं ? अगर हाँ,  तो यह परफेक्ट बुक है !  नोबेल prize की शुरुआत करने वाले के बारे में पढ़ें और जानें!

इस समरी से कौन सीखेगा?

  इंजीनियर
  बिज़नेस में दिलचस्पी रखने वाले 
  Historians
   जो भी biography पढ़ना पसंद करते हैं 

किताब के बारे में
यह समरी  एल्फ्रेड नोबेल के जीवन, उनके इन्वेंशंस और उनकी विरासत के बारे में बताती है।
   उनके निजी जीवन के अलावा, अगर आप history के सबसे जरुरी इन्वेंशंस में से एक के बारे में जानना चाहते हैं तो यह समरी बिलकुल परफेक्ट है ।

(Hindi) Decisive: How to Make Better Decisions

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“क्या आज आपको कोई  डिसिशन  लेना है? क्या आप सोच रहे हैं कि आपका जवाब हां होना चाहिए या ना ? क्या आपको  डिसिशन  लेने में परेशानी होती है? अगर हां, तो यह  समरी  आपके लिए ही है. चिप  और डैन हीथ  आपको इस  समरी  में चार  डिसिशन  लेने वाले  विलन  के बारे में और WRAP नाम की technique के बारे में बताएँगे. यह एक short form  है जिसे याद करना और  अप्लाई  करना काफी आसान है ताकि आपको अपने जीवन में और आपके काम में सही  डिसिशन  लेने में मदद मिल सके.

यह समरी किसे पढ़नी चाहिए?
1. एडल्ट 
2. शादी शुदा कपल 
3. बिजनेसमैन 
4. मैनेजर
 
ऑथर  के बारे में
चिप हीथ  और डैन हीथ  भाई होने के साथ तीन बेस्ट सेलिंग किताबों के  को- ऑथर  भी हैं . चिप  Stanford Business School  में प्रोफेसर हैं और डैन Duke University  में रिसर्च फेलो हैं। उन्होंने दुनिया भर में अपने किताबों की तीन मिलियन से ज़्यादा copy बेची हैं l उनकी किताबें तीस से  ज़्यादा  भाषाओं में ट्रांसलेट की गई  है l