(Hindi) Girl, Stop Apologizing

(Hindi) Girl, Stop Apologizing

इंट्रोडक्शन (Introduction)

क्या आपने कभी सोचा है कि अगर आपके माइंड में ये ख्याल ना आता कि” लोग मेरे बारे में क्या सोचेंगे?’ तो आप क्या कुछ नहीं कर लेते. क्या आप सारी जिंदगी सिर्फ दूसरो को खुश करते रहेंगे? क्या कभी सोचा है कि अगर आप दूसरो की ख़ुशीयों के लिए अपने सपनों की कुर्बानी नहीं देते और सोसाईटी के रूल्स फोलो नहीं करते तो आप क्या नहीं अचीव कर सकते थे? हम सबकी लाइफ में इसी तरह के सवाल आते है. हालाँकि हम औरते ज्यादातर इस मेल डोमिनेटिंग सोसाईंटी में मर्दों के बनाये नियम कानूनों पर चलने को मजबूर है. और हमसे यही उम्मीद की जाती है कि दूसरो के लिए अपने सपनो की बलि दे दे.

ये बुक समरी औरतो को मोटिवेट करने के लिए लिखी गयी है ताकि हम दुनिया की परवाह ना करते हुए अपना हर ड्रीम पूरा करने की हिम्मत कर सके. ये बुक समरी हर औरत को ये एहसास दिलाती है कि अगर वो ठान ले तो जो चाहे वो कर सकती है, उसे कोई रोक नहीं सकता. ये बुक रीडर्स के माइंड के लिए किसी फ्यूल की तरह है. इसे पढकर उन्हें अपने ड्रीम को एक्शन में चेंज करने की मोटिवेशन मिलती है. तो क्या आप रेडी है, अपने उन सपनों को पूरा करने के लिए जो आपने कभी देखे थे? आप तैयार है इस सोसाईटी के साथ दो-दो हाथ करके जीतने के लिए ? क्या आप तैयार है उस चिंगारी को हवा देने के लिए जो आपके दिल की गहराईयों में दबी है? अगर आप का जवाब हाँ है तो यकीन मानो ये बुक सिर्फ आपके लिए है.

अगर हम दूसरो की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पा रहे तो इसके लिए हमे सॉरी फील करने की बिलकुल भी ज़रूरत नहीं है. इस बुक में आपको यही सिखाया जायेगा. आपको अपनी लाइफ अपने हिसाब से जीनी है नाकि दूसरो के, और ये बात आपको ये बुक बताएगी कि हर इन्सान को एक ही लाइफ मिली है जिसे वो अपनी मर्ज़ी से जीना चाहता है. इसके अलावा इस बुक में आप पढेंगे कि वो कौन से रीजन्स है जो आपको आपके सपनों तक पहुँचने से रोक रहे है.

एक्सक्यूजेस टू लेट गो ऑफ़
लाइफ में आगे ना बढ़ पाने के बहाने Excuses To Let Go Of

हम सब कोई ना कोई बहाना बनाने में माहिर होते है. लेकिन चाहे कुछ भी हो, हम सब खुद को अपने गोल्स के लिए हमेशा मोटिवेट रखते है, बिना कोई बहाना बनाये. इस बुक की ऑथर राचेल के पास हमारे उन सब बहानो का जवाब है जो हम अक्सर ये बोलकर देते है कि” टाइम नहीं मिलता” या “ये काफी नहीं था” वगैरह-वगैरह. और इसकी मिसाल वो खुद है.

अपने रीडर्स के लिए एक जीता-जागता एक्जाम्पल जिसके पास भी ये सारे बहाने मौजूद थे, राचेल ने प्रूव कर दिखाया है कि कैसे वो अपने हर एक्सक्यूज़, अपनी हर वीकनेस को दूर करके एक राइजिंग कम्पनी की ओनर, एक पोडकास्टर, एक ब्लॉगर और एक सोशल मिडिया इन्फ्लूएंसर के तौर पर उभरी है और वो भी चार-चार बच्चो की माँ होते हुए भी.

हम में से हर एक के पास कोई ना कोई सपना है लेकिन हम सबके पास उस सपने को पूरा ना कर पाने का कोई ना कोई बहाना भी है. राचेल ने कुछ ऐसे ही मोस्ट कॉमन एक्सक्यूज़ेस को लेकर ये बुक लिखी है और हमे गाइड करती है कि इन बहानो से कैसे बचा जाए. नीचे दिए कुछ सेक्शन्स में हम कुछ ऐसे एक्सक्यूज़ेस के बारे में पढेंगे जो हमे हर हाल में अवॉयड करने है.

देट्स नोट व्हाट अदर वुमेन डू
बाकि औरते ये नहीं करती है (That’s Not What Other Woman Do)

जो चीज़ हमे नहीं आती उसे हम दूसरो की कॉपी करके सीखते है. जैसे मान लो, किसी को स्टाइल और फैशन के बारे में नहीं पता तो वो मूवी स्टार्स और मॉडल्स के स्टाइल को कॉपी करेगा. लेकिन सच ये है कि जब हम दूसरो की नकल करते है तो अपनी पहचान खो बैठते है. हम अपनी एक अलग पहचान बनाने के बजाये भीड़ का हिस्सा बनकर रह जाते है. तो बात जब अपने सपनों की हो तो हम भला दूसरो की कॉपी क्यों करे?

जो लोग दूसरो की कॉपी करते है वो अपना सेल्फ कांफिडेस खो देते है. अपने बचपन में राचेल को लगता था कि वो सुंदर नहीं है क्योंकि उसके शार्क जैसे टीथ थे और बाल हमेशा बिखरे रहते थे. राचेल सोचती थी कि एक ग्रेट सोशल लाइफ के लिए गुड लुकिंग होना बहुत जरूरी है. वो अपने ग्रुप की लड़कियों को कॉपी करती थी. उसने उनकी तरह दिखना, बोलना और बिहेव करना शुरू कर दिया था. लेकिन उसने ये नही सोचा कि इस तरह वो खुद की पहचान खो रही है. जब राचेल बड़ी हुई और उसके सपने पूरे करने का टाइम आया, उसका कांफिडेंस लेवल एक जीरो था.

उसने किसी को नहीं बताया थी कि उसकी मोम वर्किंग है क्योंकि उसके सारे फ्रेंड्स की मदर हाउसवाइव्स थी. राचेल को अपने ऊपर ज़रा भी सेल्फ कांफिडेंस नहीं था कि वो अपने सपने पूरे कर सकती है. राचेल एक वर्कहोलिक है. और ये बात उसने आज तक किसी को नहीं बताई है. यहाँ तक कि अपने फेमिली मेम्बेर्स को भी नहीं. वो उसे ज्यादा काम करने से रोकते थे तो राचेल उनसे छुपकर अपना काम करने लगी.

बाद में उसे पता चला कि उसके जैसी सेम प्रोब्लम्स कई और वर्किंग मदर्स की भी है. फिर धीरे-धीरे राचेल ने अपनी बात शेयर करना सीखा. शुरुवात में उसे काफी बाते सुनने को मिली, लोग उसे क्रिटिसाइज़ कर रहे थे. पर राचेल ने सोचा’ मै जो हूँ, जैसी भी हूँ, वैसे ही सबके सामने पेश आउंगी.”

उसे खुद पे प्राउड था और वो अब दूसरो के लिए भी एक मिसाल बनना चाहती थी. और ये सब राचेल की लाइफ में तब हुआ जब उसने अपने बहाने बनाने की आदत छोड़ी. राचेल ने अपनी इस हैबिट से छुटकारा पाया और लाइफ में प्रोग्रेस की.

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आई डोंट हेव टाइम (मुझे तो टाइम ही नहीं मिलता) (I Don’t Have Time)

पिछले चैप्टर्स में हमने सीखा कि अगर सक्सेस चाहिए तो दूसरो की नकल छोडकर अपनी खूबियों को पहचानो. अपने शेड्यूल की बाकि चीजों के बीच हम अपने गोल्स कैसे अचीव करे, ये हम इस चैप्टर में सीखेंगे. क्योंकि गोल्स के पीछे भागने के टाइम किसी के पास नहीं होता, ये लाइफ की एक हार्श रियेलिटी है. लेकिन हमे टाइम निकालना पड़ता है. जैसा कि किसी ने कहा है” अगर आप कुछ पाना चाहते हो जो आपके पास पहले कभी था , तो उसे पाने के लिए आपको वो करना होगा जो आपने पहले कभी नहीं किया”.

हम में से कई लोग अपने सपने इसीलिए अधूरे छोड़ देते है क्योंकि हमे उन्हें पूरा करने का टाइम नही मिलता. लेकिन इस बुक की ऑथर राचेल का मानना है कि अगर आपको अपने गोल्स अचीव करने है तो “फाइव टू स्ट्राइव’ की स्ट्रेटेजी फोलो करो. राचेल कहती है कि सबसे पहले तो आपको ये समझना होगा कि आप अपने टाइम के कण्ट्रोल में है. आपकी लाइफ पर दूसरो का कण्ट्रोल नहीं हो सकता. आप खुद के लिए शेड्यूल बनाओ.

अपने डेली रूटीन में क्या करना है, क्या नहीं करना है, ये आप खुद डिसाइड करो. राचेल जब सेवेंटीन की थी, तो सब-स्टेशन में पार्ट टाइम सैंडविच मेकर की जॉब करती थी. उन्हें अपने काम और स्टडीज़ के बीच बेलेंस करके चलना पड़ता था. जैसे स्कूल में कोई प्रोजेक्ट होता तो वो काम से जल्दी आ जाती थी. राचेल जानती थी कि उसकी सोशल लाइफ अफेक्ट हो रही है फिर भी वो सेटरडे वाले दिन एक्स्ट्रा पे और टिप के लालच में काम पे जाती थी. सोशल लाइफ अफेक्ट फिर राचेल ने अपने एक्सपीरिएंस से एक बात सीखी कि हमे कम टाइम में भी ज्यादा प्रोडक्टीविटी दे सकते है.

अगर आपको कुछ पाना है तो कुछ तो एफर्ट करना होगा. टाइम की कमी तो हमेशा रहती है लेकिन आपको टाइम निकालना होगा. जैसा कि हम जानते है” जहाँ चाह है वहां राह है, अगर हमारे इरादे मजबूत होंगे तो ही हम अपने सपने पूरे कर पायेंगे. राचेल का भी काफी बिजी शेड्यूल रहता था. तो उन्होंने “फाइव टू स्ट्राईव्” रूल निकाला. इस रूल के हिसाब से आप अपनी डेली लाइफ एक वीक तक ओब्ज़ेर्व करो. अपने फोन पे के ऑनलाइन केलेंडर पर नोट कर लो. फिर कोशिश करो कि आप पूरे हफ्ते डेली के पांच घंटे अपने टारगेट ड्रीम के लिए टाइम निकालो.

हर हफ्ते के लिए शेड्यूल बनाओ और कभी स्किप मत करो. ये घंटे सिर्फ अपने गोल्स के लिए रखो. एक चीज़ का ध्यान रखो कि आप जो भी टाइम चूज़ करो, ये आपके सबसे ज्यादा प्रोडक्टिव आवर्स हो. चाहे सुबह का टाइम हो, जैसे 5 से 6 बजे. जो लोग सुबह जल्दी उठते है, ये टाइम उनके लिए काफी अच्छा रहेगा. इस वक्त कोई आपको डिस्टर्ब भी नहीं करेगा. एक बार जब आपका टाइम फिक्स हो जाये तो अपने शेड्यूल में टाइम बढ़ाते चलो.

ये आपको श्योर करना है कि जिसना भी टाइम आप अपने गोल्स पर स्पेंड करोगे वो आपके बेस्ट आवर्स होंगे. इसलिए इस टाइम आपका पूरा फोकस सिर्फ और सिर्फ अपने गोल्स पर होना चाहिए. अगर आपके पास कोई गोल आलरेडी है तो आज से ही शुरू कर दो. बल्कि अभी इसी वक्त! किस और का इंतज़ार मत करो, कोई नहीं आएगा आपके लिए. टाइम का भी वेट मत करो, क्योंकि टाइम आता नहीं है उसे लाना पड़ता है.

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