Why Should You Read This Summary?
दिल्ली की गलियाँ दिल्ली में रहने वालों के खून से लाल हो रही हैं। नादिरशाह की सेना ने सारे शहर में आतंक मचा रखा है। जो कोई सामने आ जाता है, उसे उनकी तलवार से मौत के घाट उतरना पड़ता है। नादिरशाह का भड़का हुआ गुस्सा किसी तरह शांत ही नहीं होता। खून की बारिश भी उसके गुस्से की आग को बुझा नहीं सकती।
नादिरशाह दरबारे-आम में गद्दी पर बैठा हुआ है। उसकी आँखों से जैसे आग निकल रही हैं। दिल्लीवालों की इतनी हिम्मत कि उसके सिपाहियों का अपमान करें! उन कायरों की यह मजाल। वह बदमाश तो उसकी सेना की एक ललकार पर लड़ाई के मैदान से निकल भागे थे! शहर में रहने वाले की कराह सुन-सुनकर खुद सेना के दिल काँप जाते हैं; मगर नादिरशाह के गुस्से की आग शांत नहीं होती। यहाँ तक कि उसका सेनापति भी उसके सामने जाने की हिम्मत नहीं कर सकता। वीर आदमी दयालु होते हैं। असहायों पर, कमजोरों पर, औरतों पर उन्हें गुस्सा नहीं आता। इन पर गुस्सा करना वे अपनी शान के खिलाफ समझते हैं; लेकिन बेरहम नादिरशाह की वीरता बिना दया के थी।
दिल्ली का बादशाह सिर झुकाये नादिरशाह के पास बैठा हुआ था। रनिवास में ऐय्याशी करने वाला बादशाह नादिरशाह की भद्दी बातें सुन रहा था; पर मजाल न थी कि जबान खोल सके। उसे अपनी ही जान के लाले पड़े हुए थे, पीड़ित जनता की रक्षा कौन करे? वह सोचता था, मेरे मुँह से कुछ निकले और वह मुझी को डाँट बैठते थे!
आखिर में जब सेना की राक्षसी बेरहमी हद के पार पहुँच गयी, तो मुहम्मदशाह के प्रधानमंत्री से न रहा गया। वह कविता पसंद करता था, खुद भी कवि था। जान पर खेलकर नादिरशाह के सामने पहुँचा और यह शेर पढ़ा-
"कसे न माँद कि दीगर व तेगे नाज कुशी;
मगर कि ज़िंदा कुनी खल्करा व बाज़ कुशी।"
मतलब, तेरी नजरों की तलवार से कोई नहीं बचा। अब यही उपाय है कि मुर्दों को फिर जिंदा कर कत्ल कर।
शेर ने दिल पर चोट की। पत्थर में भी छेद होते हैं; पहाड़ों में भी हरियाली होती है; पत्थर दिलों में भी नरमी होती है। इस शेर ने पत्थर को पिघला दिया। नादिरशाह ने सेनापति को बुलाकर कत्लेआम बंद करने का हुक्म दिया। एकदम तलवारें म्यान में चली गयीं। कातिलों के उठे हुए हाथ उठे ही रह गये। जो सिपाही जहाँ था; वहीं रुक गया।
शाम हो गयी थी। नादिरशाह शाही बाग में सैर कर रहा था। बार-बार वही शेर पढ़ता और झूमता-
"कसे न माँद कि दीगर व तेगे नाज कुशी;
मगर कि ज़िंदा कुनी खल्करा व बाज़ कुशी।"
पूरी सुने ...........................