Why Should You Read This Summary?
“ह्यूरिसटिक्स” वर्ड बहुत इम्पोर्टेन्ट है हालांकि बोलने में ये थोडा सा मुश्किल लगता है पर इसका मतलब बहुत सिम्पल है – ह्यूरिसटिक्स वो रूल्स और मेंटल शोर्ट कट्स होते है जो लोग किसी इन्फोर्मेशन को ज्यादा एफिशियेंटली से प्रोसेस करने के लिए यूज़ करते है. जैसे कि कोई सेट ऑफ़ प्र्ज़ुयुमप्श्न जिससे सही ढंग से प्रेडिक्शन की जा सके.
1. इस बुक से हम क्या सीखेंगे?
इस बुक को पढ़कर जो सबसे इम्पोर्टेन्ट आईडिया आप ड्रा कर पाएंगे वो फेक्ट है कि ह्यूमन इन्टेलेक्ट में फंक्शनिंग के दो “मोड्स” होते है. पहला वाला है फ़ास्ट, इंट्यूटिव मगर कभी-कभी इरेशनल और हेस्टी मोड. दूसरी तरफ जो दूसरा वाला मोड है वो रेशनल, स्लो, केल्कुलेटिव और प्रूडेंट है. इस बुक का पॉइंट यही है कि हम दोनों मोड्स में से एक को डाउनग्रेड और दूसरे को प्रेज़ ना करे. बल्कि गोल ये है कि दोनों मोड्स के गुड और बैड साइड्स को पॉइंट किया जाए.
2. ये बुक किस किसको पढनी चाहिए?
हम सभी को अपने इंस्टिक्ट और डिसीजन मेकिंग पर भरोसा करना चाहिए और चीजों को एक लोजिकल पॉइंट ऑफ़ व्यू से देखना चाहिए लकिन अक्सर हम गलती कर जाते है और फिर कई बार ऐसी सिचुएशन में फंस जाते है जब क्लेवर मेंटेलिटी के लोग हमारा फायदा उठाते है. इस बुक के ऑथर एक फेमस इकोनोमिस्ट और साइकोलोजिस्ट है इसलिए इन्वेस्टमेंट और साइकोलोजी से रिलेटेड टिप्स और आईडियाज भी आपको इस बुक में मिलेंगे, ये बुक हर उस इंसान के लिए है जो ह्यूमन साइकोलोजी में इंटरेस्ट रखता है.
3. इस बुक के ऑथर कौन है?
5 मार्च, 1934 को जन्मे डैनियल काहनेमेन एक इजरायली अमेरिकन साइकोलोजिस्ट और इकोनोमिस्ट रहे है. 2002 में उन्हें इकोनोमिक साइंस के लिए नोबेल मेमोरियल प्राइज़ भी मिल चूका है. 2011 में फोरेन पालिसी मैगजीन के टॉप ग्लोबल थिंकर लिस्ट में उनका नाम शामिल किया गया. वो प्रिस्टीन यूनिवरसिटी के वुडरॉ विल्सन स्कूल में साइकोलोजी और पब्लिक अफेयर्स के प्रोफेसर है.