2014 में सत्या नडेला माइक्रोसॉफ्ट की 39 साल की हिस्ट्री में माइक्रोसॉफ्ट के तीसरे सीईओ बने। उस समय माइक्रोसॉफ्ट अपने कॉम्पिटिटर्स से बहुत पीछे चल रहा था। नडेला ने इस कंपनी में ऐसा बदलाव किया कि वह फिर से उतनी ही कामयाब हो गई। इन सभी बदलावों में बड़ा हाथ नडेला के वैल्यूज का था। यह समरी सत्या नडेला की, माइक्रोसॉफ्ट में उनके समय की और फ्यूचर को लेकर उनके विज़न की कहानी बताती है।
यह समरी किसे पढ़नी चाहिए?
* Entrepreneur/CEO
* जो लोग टेक इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं
* जो भी टेक्नोलॉजी के इतिहास और फ्यूचर के बारे में जानना चाहते हैं
ऑथर के बारे में
सत्या नडेला एक संस्कृत स्कॉलर और इंडियन सिविल सर्वेंट के बेटे हैं। बड़े होने के दौरान उनकी ज़िंदगी का कोई क्लियर गोल नहीं था लेकिन उन्होंने अपने कंप्यूटर के पैशन को फॉलो किया और उन्हें सिलिकॉन वैली में अपनी पहली जॉब मिली। आज नडेला माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ और चेयरमैन हैं। इस पोजीशन पर आकर वह लगातार ऐसे फैसले लेते जा रहे हैं जो हर दिन दुनिया में कुछ अच्छे बदलाव ला रहे है।