क्या आप पॉजिटिव सोच रखते हैं या नेगेटिव सोच? क्या आप उन लोगों में जिन्हें उम्मीद है कि दुनिया में अब भी इंसानियत कहीं ना कहीं बची हुई है या फिर आप अपने फ्यूचर को लेकर काफ़ी निराश फील करते हैं? ये दुनिया अभी उतनी अच्छी हालत में नहीं जितना की इसे होना चाहिए. अभी इसमें सुधार की बहुत गुंजाईश बाकि है. आपको इस समरी के ज़रिए अतीत के गलियारों में झाँकने का मौका मिलेगा और आप देख पाएँगे कि क्यों ये दुनिया असल में बेहतर होती जा रही है, बदतर नहीं!
ये समरी किसे पढ़नी चाहिए?
* टीचर्स
* स्टूडेंट्स
* जिन लोगों को लगता है कि इंसानियत ख़त्म और दुनिया बद से बदतर होती जा रही है
ऑथर के बारे में
स्टीवन पिंकर एक एक्सपेरिमेंटल साइकोलोजिस्ट हैं. उनकी रिसर्च मेनली विजुअल कोगनिशन, साइकोलिंगुइस्टिक और सोशल रिलेशन जैसे सब्जेक्ट पर फोकस करता है. इसके अलावा वो नेशनल एकेडमी ऑफ़ साइंस के मेंबर भी हैं. टाइम मैगज़ीन ने उन्हें “100 मोस्ट इन्फ्लुएंशल पीपल इन द वर्ल्ड टूडे” की लिस्ट में शामिल किया है. स्टीवन पिंकर कई बुक्स लिख चुके हैं जिनमें, द ब्लैंक स्लेट, द बेटर एंजल्स ऑफ़ आर नेचर और द सेन्स ऑफ़ स्टाइल जैसी बुक्स शामिल हैं.
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