Why Should You Read This Summary?
क्या आप फ़ोन के बिना अपनी ज़िंदगी इमेजिन कर सकते हैं? अगर आपको बिना इंटरनेट के जीना पड़े तो? अगर आपको इन चीज़ों के बिना जीने से डर लगता है तो समझ जाइए कि आपको इसकी लत लग गई है। दुनियाभर के साइकोलॉजिस्ट और न्यूरोलॉजिस्ट इंटरनेट की वजह से हमारे ब्रेन पर होने वाले ज़िंदगी भर के असर के बारे चिंतित रहने लगे हैं। क्या इस असर को पलटने में बहुत देर हो चुकी है? क्या आप कुछ कर सकते हैं? इसका जवाब आपको इस समरी में मिलेगा।
यह समरी किसे पढ़नी चाहिए?
• जो लोग हमेशा ऑनलाइन रहते हैं
• पैरेंट्स को
• टीनेजर्स को
ऑथर के बारे में
निकोलस कार एक राइटर और जर्नलिस्ट हैं। उनकी बुक, ‘द शैलोज़: व्हॉट द इंटरनेट इज़ डूइंग टू आवर ब्रेंस’, 2011 में पुलित्ज़र प्राइज़ के लिए फाइनलिस्ट थी। कार का “रफ टाइप” नाम का ब्लॉग भी है, जिसमें वह इंसान पर इंटरनेट की वजह से होने वाले नेगेटिव असर के बारे में बात करते हैं।