क्या आपने भगवान् को देखा है ? कुछ इसी तरह के सवाल स्वामी विवेकानंद पूछा करते थे जब वो बच्चे थे. उन्होंने दुनिया की हर सुख सुविधा देने वाली चीज़ को छोड़ दिया था. सिर्फ एक डंडे और कटोरे के साथ उन्होंने पूरे इंडिया की सैर कर ली थी. वो भगवान् को देखना चाहते थे और वो जल्दी ही इसमें सफल भी हो गए.
इस बुक समरी में आप स्वामी विवेकानंद के लाइफ के बारे में पढेंगे. वो जब बच्चे थे तो कैसे थे? वो कैसे इतने ग्रेट लीडर बने ? उनमें ऐसा क्या था जो अमेरिका में सब उन्हें इतना पसंद करते थे ? क्या है उनकी कहानी, उनके गोल्स और क्यों उन्हें आज भी इतना याद किया जाता है?
ये बुक किसे पढ़नी चाहिए ?
ये बुक सभी को पढ़नी चाहिए | क्यूंकि ये बुक हमें बताती है की सारे धर्म बराबर है | और हम सब का धर्म इंसानियत है |
इस बुक के ऑथर कौन है ?
स्वामी निखिलानंद का जन्म 1895 में दुर्गापुर गांव में बांग्लादेश में हुआ था जो उस वक़्त ब्रिटिश इंडिया के राज में आता था | इन्होने रामकृष्णा विवेकानंद सेन्टर की शुरवात करी नई यॉर्क में | इनकी गिनती बहुत ही जाने माने writers और thinkers में की जाती है |