by Arthur Conan Doyle
मैं चाहता था कि” द एडवेंचर ऑफ़ द एबी ग्रेंज “ वाला केस मेरे दोस्त शरलॉक होम्ज़ का आखिरी कारनामा होता जिसे मैं पब्लिक के सामने रखना चाहता था. हालाँकि ऐसा नही था कि मेरे पास बताने के लिए किस्से कम पड़ रहे थे बल्कि मुझे तो सैकड़ो ऐसे किस्से मालूम थे जिनका मैंने कभी किसी से जिक्र तक नही किया था, और ऐसा भी नहीं था कि पब्लिक मेरे तेज़ दिमाग दोस्त की शानदार पर्सनेलिटी और हैरतअंगेज कारनामो से बोर हो गई हो. दरअसल वजह ये थी कि खुद मिस्टर होम्ज़ को अपने कारनामें छपवाने में दिलचस्पी थोड़ी कम हो गई थी.
जब तक वो अपनी प्रोफेशनल प्रेक्टिस में रहा, उसके सक्सेसफुल एडवेंचर के रिकार्ड उसके काम आते रहे पर लेकिन जब से उसने लंदन में अपनी प्रोफेशनल लाइफ से रिटायरमेंट लेकर ससेक्स डाउन्स में मधुमक्खी पालना और उस पर स्टडी करना शुरू किया था तब से बदनामी उससे नफ़रत करने लगी है और उसने निवेदन किया है कि इस मामले में उसकी इच्छाओं को सख्ती से देखा जाना चाहिए.
यहाँ तक कि वो अब उन भूले-बिसरे कारनामो को याद तक नही करना चाहता था और उसने बड़े ही साफ़ शब्दों में हिदायत दे रखी थी कि उसे उन पुराने किस्सों की याद ना दिलाई जाए. पर जब मैं उससे मिलने गया तो मैंने यकीन दिलाया और वादा किया कि” द एडवेंचर ऑफ़ द सेकंड स्टेन” उसी वक्त पब्लिश की जाएगी जब सही वक्त होगा और उसे ये भी बताया कि इस केस में जितनी भी घटनाएँ घटी हैं , सब मिलाकर इसे एक बेहद सनसनीखेज इंटरनेशनल केस बनाती है जिसे सुलझाने के लिए शरलॉक की खासतौर पर मदद ली गई थी.
आखिरकार बड़ी मान-मनौव्वल के बाद उसने मुझे मंज़ूरी दी कि अब तक सबसे छुपाकर रखे गए इस राज को अब मैं पब्लिक के सामने ला सकता हूँ. इस किस्से को सुनाते वक्त अगर कहीं लगे कि कुछ जानकारियां साफ़ नहीं है तो आशा करता हूँ कि इसे पढ़ने वाले मुझे ये सोचकर माफ़ कर देंगे कि उन जानकारियों को छुपाने की भी ख़ास वजह है.
फिर एक साल या कहें कि दशक बाद ऐसा मौका आया कि पतझड़ के मौसम में मंगलवार की सुबह योरोपियन डील-डौल वाले दो मेहमान हमारे बेकर स्ट्रीट वाले फ्लैट में आये. उनमे से पहला मामूली शक्ल वाला था जिसकी ऊँची नाक और चील जैसी आँखे थी. वो देखने में रौबीला शख्स कोई और नही बल्कि ब्रिटेन के दो बार प्रीमियर रह चुके लॉर्ड बेलिंजर थे. उनमे से दूसरे साँवले, elegant और मिडल एज लगते थे और शक्ल-सूरत से भी काफी सुंदर थे, और ये जनाब थे देश के उभरते हुए नेता राईट ओनरेबल ट्रीलॉनी होप जो योरोपियन अफेयर्स के सेक्रेटरी थे.
हमारे छोटे से सोफे पर जिस पर पहले से ही अखबारों का ढेर पड़ा था, दोनों आकर बैठ गये. उन दोनों के चेहरों से लग रहा था कि कोई बेहद जरूरी बात रही होगी जिसकी वजह से उन्हें यहाँ आना पड़ा था. प्राइम-मिनिस्टर के हाथ बेहद पतले थे जिन पर नीली उभरी नसे नजर आ रही थी, वो अपनी छतरी के हाथी दांत की बनी मूंठ को कसकर पकड़े हुए थे और उनका कमजोर चेहरा किसी बूढ़े तपस्वी महात्मा जैसा था. वो मुझे और होम्ज़ को बारी-बारी से देखे जा रहे थे. योरोपियन सेक्रेटरी घबराए हुए अंदाज़ में अपनी मूंछे खींचता हुआ अपनी वॉच चेन की सील घुमाए जा रहा था.
ट्रीलॉनी होप ने बात शुरू की “आज सुबह आठ बजे जब मुझे अपने नुकसान का अंदाजा हुआ मिस्टर होम्ज़, तो मैंने तुंरत प्राइम मिनिस्टर को खबर दी. और उनके ही सुझाव पर हम आपसे मिलने आये है”
होम्ज़ ने पूछा “क्या आपने पुलिस में खबर की ?’
“नहीं सर,” प्रीमियर तुंरत अपने निश्चयपूर्वक अंदाज में बोले जिसके लिए वो मशहूर थे, “हम पुलिस के पास नही गए, क्योंकि आगे चलकर मामला पब्लिक तक पहुँच सकता है जोकि हम बिल्कुल नही चाहते.
“और वो भला क्यों सर?’ होम्ज़ ने पूछा
“क्योंकि ये डाक्यूमेंट इतना इम्पोर्टेंट और confidential है कि मेरे ख्याल से शायद इनका पब्लिश हो जाना बड़ी ही आसानी से योरोपियन अफेयर्स के मामले को बहुद हद तक बिगाड़ सकता है और कोई बड़ी बात नहीं अगर मैं ये कहूं कि जब तक डॉक्यूमेंट् बिना किसी को कानो-कान खबर हुए फिर से बरामद नहीं हो जाते , तब तक अमन और जंग की तलवार हमारे सिर पर लटकती रहेगी या फिर शायद कभी बरामद ही ना हो सके. डॉक्यूमेंट् को चुराने वालो का मकसद शायद उसे सार्वजनिक करना है”
“मैं आपकी बात समझ रहा हूँ मिस्टर ट्रेलॉनी होप (Mr. Trelawney Hope,) अब मेहरबानी करके मुझे खुलकर समझाइए कि ये डोक्यूमेंट कब और कैसे गायब हुआ” होम्ज़ ने पूछा
“बताने के लिए ज्यादा कुछ नही है मिस्टर होम्ज़, दरअसल जिस डॉक्यूमेंट की मैं बात कर रहा हूँ, एक लैटर है जो एक विदेशी अथॉरिटी ने भेजा है——यही कोई छह दिन पहले मुझे ये लैटर मिला था. यूं समझ लीजिए कि ये लैटर इतना इम्पोर्टेंट है कि मैंने उसे कभी अपने ऑफिस की सेफ में भी नही रखा बल्कि मैं उसे रोज़ अपने साथ घर Whitehall Terrace ले जाया करता था और अपने बेडरूम के एक डिसपैच बॉक्स में रखता था. मुझे अच्छे से याद है कि ये लैटर मैंने कल रात भी उसी बॉक्स में रखा था.
असल में डिनर के लिए तैयार होते वक्त मैंने बॉक्स खोल के देखा तो लैटर अंदर ही था. पर आज सुबह लैटर गायब हो गया. मैं उस डिसपैच बॉक्स को पूरी रात अपनी ड्रेसिंग टेबल के ऊपर रखता था. मैं गहरी नींद कभी नहीं सोता और ना ही मेरी वाइफ सोती है. और हम दोनों कसम खाकर बोल सकते है कि रात को हमारे कमरे में भी कोई नहीं आया था, लेकिन इसके बावजूद वो लैटर गायब हो गया”
“आपने किस वक्त डिनर किया था?” होम्ज़ ने पुछा,
“करीब साढ़े सात बजे होंगे” प्राइम मिनिस्टर बोले
“और उसके कितनी देर बाद आप सोने चले गये?
“मेरी वाइफ थिएटर गई हुई थी तो मैं ने उसके आने तक इंतज़ार करता रहा. फिर करीब साढ़े ग्यारह बजे होंगे जब हम अपने कमरे में गए” मिनिस्टर ने बताया.
“तो इसका मतलब है कि चार घंटो के लिए आप डिसपैच बॉक्स से दूर थे?’ होम्ज़ बोला
“मेरे कमरे में बिना मेरी ईजाजत के कोई नही घुसता सिवाए हाउसमेड के जो सुबह आती है, बाकी दिन में उस कमरे में मेरा नौकर और मेरी वाइफ की मेड आते-जाते रहते हैं पर ये सारे भरोसेमंद नौकर है और काफी वक्त से हमारे साथ है. इसके अलावा उनमे से किसी को ये खबर भी नहीं होगी कि मेरे डिसपैच बॉक्स में मामूली डिपार्टमेंटल पेपर के अलावा वो लैटर भी हो सकता है”
होम्ज़ ने पूछा “अच्छा, तो और किसको उस लैटर के बारे में मालूम था?
“घर में किसी को भी नहीं” प्राइम मिनिस्टर बोले.
“बेशक आपकी वाइफ तो जानती होंगी?” होम्ज़ नेपूछा
“नहीं सर, आज सुबह लैटर के गायब से पहले मैंने अपनी वाइफ को कुछ भी नहीं बताया था”
प्रीमियर ने अपना सिर हिलाते हुए सहमति ज़ाहिर की.
“मुझे काफी पहले से मालूम है सर कि आप पब्लिक ड्यूटी को लेकर कितने सेंसिबल है और मैं समझ सकता हूँ अगर आपने इतना बड़ा राज अपनी वाइफ तक से छुपाया है तो यकीनन ये मामला बेहद गंभीर है.”
योरोपियन सेक्रेटरी ने अपना सिर झुकाते हुए होम्ज़ की बात का अप्रूवल किया.
“आपके अलावा और कौन समझ सकता है सर, आज सुबह से पहले मैंने अपनी वाइफ को लैटर के बारे में एक शब्द तक नही बोला था”
“उन्हें कभी शक तो नही हुआ?’ होम्ज़ ने पूछा,
“नहीं, मिस्टर होम्ज़, उसे ज़रा भी शक नही था—उसे क्या किसी और को भी शक नही हो सकता था”
“क्या पहले कभी आपका कोई डॉक्यूमेंट खोया था?’ होम्ज़ ने पूछा
“नहीं,सर .”
“इंग्लैंड में किसे इस लैटर के बारे में मालूम नही था?’ होम्ज़ ने पूछा
प्रीमियर बोले “केबिनेट के हर मेंबर को कल ही इस लैटर के बारे में खबर कर दी गई थी, वैसे तो हर केबिनेट मीटिंग की बातो को गुप्त रखा जाता है पर इस लैटर के मिलने के बाद प्राइम मिनिस्टर की सख्त हिदायत के बावजूद भगवान् जाने कैसे मुझसे वो लैटर खो गया!”
प्रीमियर के खूबसूरत चेहरे पर दुःख और चिंता के बादल छाए हुए थे, परेशानी में वो अपने हाथो से अपने बाल नोचने लगे. एक पल के लिए हमने उनके अंदर छुपे एक आम आदमी की झलक देखी, बैचेन, घबराए हुए और बेहद उत्तेजित. पर अगले ही पल उनकी पोजीशन का रौब उनके चेहरे पर वापस आ गया, उन्होंने अपने एरिस्टोक्रेटिक मास्क के पीछे अपना दुःख छुपा लिया और बेहद नर्मी के साथ बोले” केबिनेट के मेंबर्स के अलावा दो या शायद तीन डिपार्टमेंटल ऑफिशियल्स है जिन्हें इसके बारे में मालूम है. और बाकी पूरे इंग्लैंड में और कोई इस लैटर के बारे में नही जानता है, ये मैं आपको यकीन दिला सकता हूँ”
“पर इंग्लैंड के बाहर?’ होम्ज़ ने शक ज़हिर किया
“मुझे लगता है कि इंग्लैंड से बाहर भी कोई इस लैटर के बारे में नही जानता सिवाए उसके जिसने इसे लिखा है और मुझे यकीन है कि उनके मिनिस्टर—यानी उनकी रेगुलर ऑफिशियल एजेंसी को भी इस मामले की जानकारी नही होगी”
होम्ज़ कुछ देर यूं ही सोचता रहा.
“अब सर, मुझे साफ-साफ बताइए ये डॉक्यूमेंट आखिर है क्या? और इसका गायब होना किस हद तक खतरनाक है? होम्ज़ ने सीधा सवाल किया.
दोनों आदमियों ने एक दूसरे की तरफ देखा और प्रीमियर की घनी भोंहे सिकुड़ गई.
“मिस्टर होम्ज़, लैटर एक लंबे से लिफाफा में था, पतले कागज का हल्के नीले रंग का. ऊपर एक लाल रंग की मोम सील की स्टैम्प लगी थी जिस पर एक झुका हुआ शेर बना हुआ था. बड़े-बड़े, बोल्ड हैण्डराइटिंग में एड्रेस लिखा था—”
होम्ज़ ने बीच में टोकते हुए कहा “मुझे माफ़ कीजिये सर, आपने काफी इंट्रेस्टिंग डिटेल दी पर मैं ये जानना चाहता हूँ कि लैटर किस बारे में था? उसमें क्या लिखा था?’
“माफ़ कीजियेगा मिस्टर होम्ज़ पर ये एक बेहद इम्पोर्टेंट स्टेट सीक्रेट है जो मैं आपको हरगिज़ नही बता सकता और शायद बताने की जरूरत भी नही है. अगर आप किसी तरह अपनी काबिलियत से ऐसा कोई लिफ़ाफा ढूंढ सके जैसा मैंने आपको बताया है तो यकीन मानिए आप अपने देश पर एहसान तो करेंगे ही साथ ही इसके लिए आपको ईनाम भी दिया जाएगा”
शरलॉक मुस्कुराता हुआ अपनी कुर्सी से उठ खड़ा हुआ.
फिर उसने दोनों को देखते हुए कहा “आप दोनों इस देश के सबसे ज्यादा बिजी लोग है, बेशक मैं एक मामूली हस्ती हूँ पर मेरे पास भी कई फ़ोन आते है, मुझे खेद है कि मैं आपकी इस मामले में कोई मदद नही कर पाऊंगा, इसलिए इस बारे में और पूछताछ करना वक्त की बर्बादी होगी”
प्रीमियर तुंरत कुर्सी से उठ खड़े हुए, उन्होंने होम्ज़ को ऐसे गुस्से से भरी आँखों से घूरा जिसके आगे शायद केबिनट भी थर-थर काँपता होगा.
बेहद तेज़ लहजे में उन्होंने होम्ज़ से कहा “मुझे ऐसे ना सुनने की आदत नही है मिस्टर होम्ज़,——,
फिर अचानक वो अपने गुस्से पर काबू पाते हुए फौरन अपनी सीट पर जा बैठे.
Puri Kahaani Sune..